Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

Best Mohabbat Shayari for Ishq Love whatsapp Instagram

Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu for Instagram Posts, Stories and WhatsApp Status Captions

उस की याद आई है साँसो ज़रा आहिस्ता चलो

धड़कनों से भी इबादत में ख़लल पड़ता है

राहत इंदौरी

mohabbat shayari hindi

सर झुकाओगे तो पत्थर देवता हो जाएगा

इतना मत चाहो उसे वो बेवफ़ा हो जाएगा

बशीर बद्र

best shayari for mohabbat

आरज़ू है कि तू यहाँ आए

और फिर उम्र भर न जाए कहीं

नासिर काज़मी

कितनी लम्बी ख़ामोशी से गुज़रा हूँ

उन से कितना कुछ कहने की कोशिश की

गुलज़ार

अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं

तुम ने किसी के साथ मोहब्बत निभा तो दी

साहिर लुधियानवी

mohabbat shayari love sad missing lover

उन का जो फ़र्ज़ है वो अहल-ए-सियासत जानें

मेरा पैग़ाम मोहब्बत है जहाँ तक पहुँचे

जिगर मुरादाबादी

shayari for mohbbat ishq

किस किस को बताएँगे जुदाई का सबब हम

तू मुझ से ख़फ़ा है तो ज़माने के लिए आ

अहमद फ़राज़

वो तो ख़ुश-बू है हवाओं में बिखर जाएगा

मसअला फूल का है फूल किधर जाएगा

परवीन शाकिर

ishq shayari

दोनों जहान तेरी मोहब्बत में हार के

वो जा रहा है कोई शब-ए-ग़म गुज़ार के

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

love shayari hindi to impress girls

मोहब्बतों में दिखावे की दोस्ती न मिला

अगर गले नहीं मिलता तो हाथ भी न मिला

बशीर बद्र

इश्क़ पर ज़ोर नहीं है ये वो आतिश ‘ग़ालिब’

कि लगाए न लगे और बुझाए न बने

मिर्ज़ा ग़ालिब

mohbbat shayari Sahir Ludhianvi lan Elia Ahmad farad

आप के बा’द हर घड़ी हम ने

आप के साथ ही गुज़ारी है

गुलज़ार

सारी दुनिया के ग़म हमारे हैं

और सितम ये कि हम तुम्हारे हैं

जौन एलिया

कोई समझे तो एक बात कहूँ

इश्क़ तौफ़ीक़ है गुनाह नहीं

फ़िराक़ गोरखपुरी

ऐ मोहब्बत तिरे अंजाम पे रोना आया

जाने क्यूँ आज तिरे नाम पे रोना आया

शकील बदायूनी

best mohabbat shayari

दिल धड़कने का सबब याद आया

वो तिरी याद थी अब याद आया

नासिर काज़मी

दिल में किसी के राह किए जा रहा हूँ मैं

कितना हसीं गुनाह किए जा रहा हूँ मैं

जिगर मुरादाबादी

इन्हीं पत्थरों पे चल कर अगर आ सको तो आओ

मिरे घर के रास्ते में कोई कहकशाँ नहीं है

मुस्तफ़ा ज़ैदी

गिला भी तुझ से बहुत है मगर मोहब्बत भी

वो बात अपनी जगह है ये बात अपनी जगह

बासिर सुल्तान काज़मी

Sad Love Shayari Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

तिरे इश्क़ की इंतिहा चाहता हूँ

मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

अल्लामा इक़बाल

अब जुदाई के सफ़र को मिरे आसान करो

तुम मुझे ख़्वाब में आ कर न परेशान करो

मुनव्वर राना

तुम को आता है प्यार पर ग़ुस्सा

मुझ को ग़ुस्से पे प्यार आता है

अमीर मीनाई

मोहब्बत में नहीं है फ़र्क़ जीने और मरने का

उसी को देख कर जीते हैं जिस काफ़िर पे दम निकले

मिर्ज़ा ग़ालिब

होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है

इश्क़ कीजे फिर समझिए ज़िंदगी क्या चीज़ है

निदा फ़ाज़ली

न जी भर के देखा न कुछ बात की

बड़ी आरज़ू थी मुलाक़ात की

बशीर बद्र

best Aashiqui shayari

और क्या देखने को बाक़ी है

आप से दिल लगा के देख लिया

फ़ैज़ अहमद फ़ैज़

अज़ीज़ इतना ही रक्खो कि जी सँभल जाए

अब इस क़दर भी न चाहो कि दम निकल जाए

उबैदुल्लाह अलीम

चुपके चुपके रात दिन आँसू बहाना याद है

हम को अब तक आशिक़ी का वो ज़माना याद है

हसरत मोहानी

कुछ तो मजबूरियाँ रही होंगी

यूँ कोई बेवफ़ा नहीं होता

बशीर बद्र

इश्क़ नाज़ुक-मिज़ाज है बेहद

अक़्ल का बोझ उठा नहीं सकता

अकबर इलाहाबादी

हुआ है तुझ से बिछड़ने के बा’द ये मा’लूम

कि तू नहीं था तिरे साथ एक दुनिया थी

अहमद फ़राज़

ज़िंदगी किस तरह बसर होगी

दिल नहीं लग रहा मोहब्बत में

जौन एलिया

हमें भी नींद आ जाएगी हम भी सो ही जाएँगे

अभी कुछ बे-क़रारी है सितारो तुम तो सो जाओ

क़तील शिफ़ाई

हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को

क्या हुआ आज ये किस बात पे रोना आया

साहिर लुधियानवी

करूँगा क्या जो मोहब्बत में हो गया नाकाम

मुझे तो और कोई काम भी नहीं आता

ग़ुलाम मोहम्मद क़ासिर

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही

तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

साहिर लुधियानवी

मुझे अब तुम से डर लगने लगा है

तुम्हें मुझ से मोहब्बत हो गई क्या

जौन एलिया

हम से क्या हो सका मोहब्बत में

ख़ैर तुम ने तो बेवफ़ाई की

फ़िराक़ गोरखपुरी

अंजाम-ए-वफ़ा ये है जिस ने भी मोहब्बत की

मरने की दुआ माँगी जीने की सज़ा पाई

नुशूर वाहिदी

आज देखा है तुझ को देर के बअ’द

आज का दिन गुज़र न जाए कहीं

नासिर काज़मी

मैं तो ग़ज़ल सुना के अकेला खड़ा रहा

सब अपने अपने चाहने वालों में खो गए

कृष्ण बिहारी नूर

times mohabbat shayari

तुम मोहब्बत को खेल कहते हो

हम ने बर्बाद ज़िंदगी कर ली

बशीर बद्र

इक लफ़्ज़-ए-मोहब्बत का अदना ये फ़साना है

सिमटे तो दिल-ए-आशिक़ फैले तो ज़माना है

जिगर मुरादाबादी

उस को जुदा हुए भी ज़माना बहुत हुआ

अब क्या कहें ये क़िस्सा पुराना बहुत हुआ

अहमद फ़राज़

भूले हैं रफ़्ता रफ़्ता उन्हें मुद्दतों में हम

क़िस्तों में ख़ुद-कुशी का मज़ा हम से पूछिए

ख़ुमार बाराबंकवी

न पूछो हुस्न की तारीफ़ हम से

मोहब्बत जिस से हो बस वो हसीं है

आदिल फ़ारूक़ी

इतनी मिलती है मिरी ग़ज़लों से सूरत तेरी

लोग तुझ को मिरा महबूब समझते होंगे

बशीर बद्र

ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ

मैं दिल को उस मक़ाम पे लाता चला गया

साहिर लुधियानवी

क्या कहा इश्क़ जावेदानी है!

आख़िरी बार मिल रही हो क्या

जौन एलिया

ख़ुदा की इतनी बड़ी काएनात में मैं ने

बस एक शख़्स को माँगा मुझे वही न मिला

बशीर बद्र

तुम से बिछड़ कर ज़िंदा हैं

जान बहुत शर्मिंदा हैं

इफ़्तिख़ार आरिफ़

Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

मिलना था इत्तिफ़ाक़ बिछड़ना नसीब था

वो उतनी दूर हो गया जितना क़रीब था

अंजुम रहबर

याद रखना ही मोहब्बत में नहीं है सब कुछ

भूल जाना भी बड़ी बात हुआ करती है

जमाल एहसानी

उन का ज़िक्र उन की तमन्ना उन की याद

वक़्त कितना क़ीमती है आज कल

शकील बदायूनी

आख़री हिचकी तिरे ज़ानूँ पे आए

मौत भी मैं शाइराना चाहता हूँ

क़तील शिफ़ाई

love shayari in hindi with pictures images

इश्क़ से तबीअत ने ज़ीस्त का मज़ा पाया

दर्द की दवा पाई दर्द-ए-बे-दवा पाया

मिर्ज़ा ग़ालिब

ये मोहब्बत की कहानी नहीं मरती लेकिन

लोग किरदार निभाते हुए मर जाते हैं

अब्बास ताबिश

पत्थर मुझे कहता है मिरा चाहने वाला

मैं मोम हूँ उस ने मुझे छू कर नहीं देखा

बशीर बद्र

आते आते मिरा नाम सा रह गया

उस के होंटों पे कुछ काँपता रह गया

वसीम बरेलवी

ऐ सनम जिस ने तुझे चाँद सी सूरत दी है

उसी अल्लाह ने मुझ को भी मोहब्बत दी है

हैदर अली आतिश

मैं जब सो जाऊँ इन आँखों पे अपने होंट रख देना

यक़ीं आ जाएगा पलकों तले भी दिल धड़कता है

बशीर बद्र

जाने वाले से मुलाक़ात न होने पाई

दिल की दिल में ही रही बात न होने पाई

शकील बदायूनी

झुकी झुकी सी नज़र बे-क़रार है कि नहीं

दबा दबा सा सही दिल में प्यार है कि नहीं

कैफ़ी आज़मी

तुम मुझे छोड़ के जाओगे तो मर जाऊँगा

यूँ करो जाने से पहले मुझे पागल कर दो

बशीर बद्र

तुम्हारे शहर का मौसम बड़ा सुहाना लगे

मैं एक शाम चुरा लूँ अगर बुरा न लगे

क़ैसर-उल जाफ़री

ऐ दोस्त हम ने तर्क-ए-मोहब्बत के बावजूद

महसूस की है तेरी ज़रूरत कभी कभी

नासिर काज़मी

मुसाफ़िरों से मोहब्बत की बात कर लेकिन

मुसाफ़िरों की मोहब्बत का ए’तिबार न कर

उमर अंसारी

किसी के तुम हो किसी का ख़ुदा है दुनिया में

मिरे नसीब में तुम भी नहीं ख़ुदा भी नहीं

अख़्तर सईद ख़ान

बदन में जैसे लहू ताज़ियाना हो गया है

उसे गले से लगाए ज़माना हो गया है

इरफ़ान सिद्दीक़ी

 

जब भी आता है मिरा नाम तिरे नाम के साथ

जाने क्यूँ लोग मिरे नाम से जल जाते हैं

क़तील शिफ़ाई

love mohabbat shayari for WhatsApp status Instagram posts

मकतब-ए-इश्क़ का दस्तूर निराला देखा

उस को छुट्टी न मिले जिस को सबक़ याद रहे

मीर ताहिर अली रिज़वी

मोहब्बत करने वाले कम न होंगे

तिरी महफ़िल में लेकिन हम न होंगे

हफ़ीज़ होशियारपुरी

Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

आशिक़ी में ‘मीर’ जैसे ख़्वाब मत देखा करो

बावले हो जाओगे महताब मत देखा करो

अहमद फ़राज़

वो एक ही चेहरा तो नहीं सारे जहाँ में

जो दूर है वो दिल से उतर क्यूँ नहीं जाता

निदा फ़ाज़ली

ये कहना था उन से मोहब्बत है मुझ को

ये कहने में मुझ को ज़माने लगे हैं

ख़ुमार बाराबंकवी

वो चेहरा किताबी रहा सामने

बड़ी ख़ूबसूरत पढ़ाई हुई

बशीर बद्र

इश्क़ इक ‘मीर’ भारी पत्थर है

कब ये तुझ ना-तवाँ से उठता है

मीर तक़ी मीर

देखने के लिए सारा आलम भी कम

चाहने के लिए एक चेहरा बहुत

अब तक दिल-ए-ख़ुश-फ़हम को तुझ से हैं उमीदें

ये आख़िरी शमएँ भी बुझाने के लिए आ

अहमद फ़राज़

इश्क़ का ज़ौक़-ए-नज़ारा मुफ़्त में बदनाम है

हुस्न ख़ुद बे-ताब है जल्वा दिखाने के लिए

असरार-उल-हक़ मजाज़

ज़िंदगी यूँही बहुत कम है मोहब्बत के लिए

रूठ कर वक़्त गँवाने की ज़रूरत क्या है

अज्ञात

instagram mohabbat shayari

मेरे हम-नफ़स मेरे हम-नवा मुझे दोस्त बन के दग़ा न दे

मैं हूँ दर्द-ए-इश्क़ से जाँ-ब-लब मुझे ज़िंदगी की दुआ न दे

शकील बदायूनी

जिस की आँखों में कटी थीं सदियाँ

उस ने सदियों की जुदाई दी है

गुलज़ार

मोहब्बत की तो कोई हद, कोई सरहद नहीं होती

हमारे दरमियाँ ये फ़ासले, कैसे निकल आए

ख़ालिद मोईन

आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें

हम मोहब्बत से मोहब्बत का सिला देते हैं

साहिर लुधियानवी

सौ चाँद भी चमकेंगे तो क्या बात बनेगी

तुम आए तो इस रात की औक़ात बनेगी

जाँ निसार अख़्तर

क्या कहूँ तुम से मैं कि क्या है इश्क़

जान का रोग है बला है इश्क़

मीर तक़ी मीर

सात संदूक़ों में भर कर दफ़्न कर दो नफ़रतें

आज इंसाँ को मोहब्बत की ज़रूरत है बहुत

बशीर बद्र

तुम से छुट कर भी तुम्हें भूलना आसान न था

तुम को ही याद किया तुम को भुलाने के लिए

निदा फ़ाज़ली

मरज़-ए-इश्क़ जिसे हो उसे क्या याद रहे

न दवा याद रहे और न दुआ याद रहे

शेख़ इब्राहीम ज़ौक़

कभी यक-ब-यक तवज्जोह कभी दफ़अतन तग़ाफ़ुल

मुझे आज़मा रहा है कोई रुख़ बदल बदल कर

शकील बदायूनी

यूँ तो हर शाम उमीदों में गुज़र जाती है

आज कुछ बात है जो शाम पे रोना आया

शकील बदायूनी

तुम्हें ज़रूर कोई चाहतों से देखेगा

मगर वो आँखें हमारी कहाँ से लाएगा

बशीर बद्र

तुम मेरे लिए अब कोई इल्ज़ाम न ढूँडो

चाहा था तुम्हें इक यही इल्ज़ाम बहुत है

साहिर लुधियानवी

तुम क्या जानो अपने आप से कितना मैं शर्मिंदा हूँ

छूट गया है साथ तुम्हारा और अभी तक ज़िंदा हूँ

साग़र आज़मी

बहुत दिनों में मोहब्बत को ये हुआ मा’लूम

जो तेरे हिज्र में गुज़री वो रात रात हुई

फ़िराक़ गोरखपुरी

भला हम मिले भी तो क्या मिले वही दूरियाँ वही फ़ासले

न कभी हमारे क़दम बढ़े न कभी तुम्हारी झिजक गई

बशीर बद्र

Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

दिल पे आए हुए इल्ज़ाम से पहचानते हैं

लोग अब मुझ को तिरे नाम से पहचानते हैं

क़तील शिफ़ाई

किसी का यूँ तो हुआ कौन उम्र भर फिर भी

ये हुस्न ओ इश्क़ तो धोका है सब मगर फिर भी

फ़िराक़ गोरखपुरी

Sad Love Sahari Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

वफ़ा तुम से करेंगे दुख सहेंगे नाज़ उठाएँगे

जिसे आता है दिल देना उसे हर काम आता है

आरज़ू लखनवी

अक़्ल को तन्क़ीद से फ़ुर्सत नहीं

इश्क़ पर आमाल की बुनियाद रख

अल्लामा इक़बाल

WhatsApp mohabbat shayari status

उन्हें अपने दिल की ख़बरें मिरे दिल से मिल रही हैं

मैं जो उन से रूठ जाऊँ तो पयाम तक न पहुँचे

शकील बदायूनी

ज़रा सी बात सही तेरा याद आ जाना

ज़रा सी बात बहुत देर तक रुलाती थी

नासिर काज़मी

ज़िंदगी भर के लिए रूठ के जाने वाले

मैं अभी तक तिरी तस्वीर लिए बैठा हूँ

क़ैसर-उल जाफ़री

वो जो हम में तुम में क़रार था तुम्हें याद हो कि न याद हो

वही यानी वादा निबाह का तुम्हें याद हो कि न याद हो

मोमिन ख़ाँ मोमिन

इश्क़ जब तक न कर चुके रुस्वा

आदमी काम का नहीं होता

जिगर मुरादाबादी

ये मेरे इश्क़ की मजबूरियाँ मआज़-अल्लाह

तुम्हारा राज़ तुम्हीं से छुपा रहा हूँ मैं

असरार-उल-हक़ मजाज़

ज़ालिम था वो और ज़ुल्म की आदत भी बहुत थी

मजबूर थे हम उस से मोहब्बत भी बहुत थी

कलीम आजिज़

वफ़ा तुझ से ऐ बेवफ़ा चाहता हूँ

मिरी सादगी देख क्या चाहता हूँ

हसरत मोहानी

इश्क़ भी हो हिजाब में हुस्न भी हो हिजाब में

या तो ख़ुद आश्कार हो या मुझे आश्कार कर

अल्लामा इक़बाल

अभी राह में कई मोड़ हैं कोई आएगा कोई जाएगा

तुम्हें जिस ने दिल से भुला दिया उसे भूलने की दुआ करो

बशीर बद्र

चलो अच्छा हुआ काम आ गई दीवानगी अपनी

वगरना हम ज़माने भर को समझाने कहाँ जाते

क़तील शिफ़ाई

हँस के फ़रमाते हैं वो देख के हालत मेरी

क्यूँ तुम आसान समझते थे मोहब्बत मेरी

अमीर मीनाई

आग़ाज़-ए-मोहब्बत का अंजाम बस इतना है

जब दिल में तमन्ना थी अब दिल ही तमन्ना है

जिगर मुरादाबादी

वैसे तो तुम्हीं ने मुझे बर्बाद किया है

इल्ज़ाम किसी और के सर जाए तो अच्छा

साहिर लुधियानवी

मोहब्बत एक ख़ुशबू है हमेशा साथ चलती है

कोई इंसान तन्हाई में भी तन्हा नहीं रहता

बशीर बद्र

माँग लूँ तुझ से तुझी को कि सभी कुछ मिल जाए

सौ सवालों से यही एक सवाल अच्छा है

अमीर मीनाई

ऐसा नहीं कि उन से मोहब्बत नहीं रही

जज़्बात में वो पहली सी शिद्दत नहीं रही

ख़ुमार बाराबंकवी

अगर दर्द-ए-मोहब्बत से न इंसाँ आश्ना होता

न कुछ मरने का ग़म होता न जीने का मज़ा होता

चकबस्त ब्रिज नारायण

अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब

अभी हयात का माहौल ख़ुश-गवार नहीं

साहिर लुधियानवी

ये किन नज़रों से तू ने आज देखा

कि तेरा देखना देखा न जाए

अहमद फ़राज़

एक चेहरा है जो आँखों में बसा रहता है

इक तसव्वुर है जो तन्हा नहीं होने देता

जावेद नसीमी

दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती

ख़ैरात में इतनी बड़ी दौलत नहीं मिलती

निदा फ़ाज़ली

लोग कहते हैं मोहब्बत में असर होता है

कौन से शहर में होता है किधर होता है

मुसहफ़ी ग़ुलाम हमदानी

फिर खो न जाएँ हम कहीं दुनिया की भीड़ में

मिलती है पास आने की मोहलत कभी कभी

साहिर लुधियानवी

इश्क़ की चोट का कुछ दिल पे असर हो तो सही

दर्द कम हो या ज़ियादा हो मगर हो तो सही

जलाल लखनवी

मोहब्बत ही में मिलते हैं शिकायत के मज़े पैहम

मोहब्बत जितनी बढ़ती है शिकायत होती जाती है

शकील बदायूनी

जब हुआ ज़िक्र ज़माने में मोहब्बत का ‘शकील’

मुझ को अपने दिल-ए-नाकाम पे रोना आया

शकील बदायूनी

अज़िय्यत मुसीबत मलामत बलाएँ

तिरे इश्क़ में हम ने क्या क्या न देखा

ख़्वाजा मीर दर्द

इक रोज़ खेल खेल में हम उस के हो गए

और फिर तमाम उम्र किसी के नहीं हुए

विपुल कुमार

इलाज अपना कराते फिर रहे हो जाने किस किस से

मोहब्बत कर के देखो ना मोहब्बत क्यूँ नहीं करते

फ़रहत एहसास

आशिक़ी में बहुत ज़रूरी है

बेवफ़ाई कभी कभी करना

बशीर बद्र

चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ

तेरा मिलना ख़ुशी की बात सही तुझ से मिल कर उदास रहता हूँ

साहिर लुधियानवी

सिर्फ़ उस के होंट काग़ज़ पर बना देता हूँ मैं

ख़ुद बना लेती है होंटों पर हँसी अपनी जगह

अनवर शऊर

प्यार का पहला ख़त लिखने में वक़्त तो लगता है

नए परिंदों को उड़ने में वक़्त तो लगता है

हस्तीमल हस्ती

जब तुम से मोहब्बत की हम ने तब जा के कहीं ये राज़ खुला

मरने का सलीक़ा आते ही जीने का शुऊर आ जाता है

साहिर लुधियानवी

आँखें जो उठाए तो मोहब्बत का गुमाँ हो

नज़रों को झुकाए तो शिकायत सी लगे है

जाँ निसार अख़्तर

मुझे तो क़ैद-ए-मोहब्बत अज़ीज़ थी लेकिन

किसी ने मुझ को गिरफ़्तार कर के छोड़ दिया

शकील बदायूनी

इक़रार है कि दिल से तुम्हें चाहते हैं हम

कुछ इस गुनाह की भी सज़ा है तुम्हारे पास

हसरत मोहानी

तुम्हारा नाम आया और हम तकने लगे रस्ता

तुम्हारी याद आई और खिड़की खोल दी हम ने

मुनव्वर राना

न कर ‘सौदा’ तू शिकवा हम से दिल की बे-क़रारी का

मोहब्बत किस को देती है मियाँ आराम दुनिया में

मोहम्मद रफ़ी सौदा

महक रही है ज़मीं चाँदनी के फूलों से

ख़ुदा किसी की मोहब्बत पे मुस्कुराया है

बशीर बद्र

ये ठीक है नहीं मरता कोई जुदाई में

ख़ुदा किसी को किसी से मगर जुदा न करे

क़तील शिफ़ाई

Ishq Mohabbat Shayari in Hindi and Urdu

उन्हीं रास्तों ने जिन पर कभी तुम थे साथ मेरे

मुझे रोक रोक पूछा तिरा हम-सफ़र कहाँ है

बशीर बद्र

 

आदमी जान के खाता है मोहब्बत में फ़रेब

ख़ुद-फ़रेबी ही मोहब्बत का सिला हो जैसे

इक़बाल अज़ीम

दुनिया के सितम याद न अपनी ही वफ़ा याद

अब मुझ को नहीं कुछ भी मोहब्बत के सिवा याद

जिगर मुरादाबादी

इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है

यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़

मीर तक़ी मीर

इश्क़ माशूक़ इश्क़ आशिक़ है

यानी अपना ही मुब्तला है इश्क़

मीर तक़ी मीर

तुम्हारा नाम लिखने की इजाज़त छिन गई जब से

कोई भी लफ़्ज़ लिखता हूँ तो आँखें भीग जाती हैं

वसी शाह

मैं हर हाल में मुस्कुराता रहूँगा

तुम्हारी मोहब्बत अगर साथ होगी

बशीर बद्र

इश्क़ मुझ को नहीं वहशत ही सही

मेरी वहशत तिरी शोहरत ही सही

मिर्ज़ा ग़ालिब

इश्क़ को एक उम्र चाहिए और

उम्र का कोई ए’तिबार नहीं

जिगर बरेलवी

सूरज सितारे चाँद मिरे साथ में रहे

जब तक तुम्हारे हाथ मिरे हाथ में रहे

राहत इंदौरी

अहल-ए-हवस तो ख़ैर हवस में हुए ज़लील

वो भी हुए ख़राब, मोहब्बत जिन्हों ने की

अहमद मुश्ताक़

‘हफ़ीज़’ अपनी बोली मोहब्बत की बोली

न उर्दू न हिन्दी न हिन्दोस्तानी

हफ़ीज़ जालंधरी

बहारों की नज़र में फूल और काँटे बराबर हैं

मोहब्बत क्या करेंगे दोस्त दुश्मन देखने वाले

कलीम आजिज़

उतर भी आओ कभी आसमाँ के ज़ीने से

तुम्हें ख़ुदा ने हमारे लिए बनाया है

बशीर बद्र

 

आग़ाज़-ए-मोहब्बत से अंजाम-ए-मोहब्बत तक

गुज़रा है जो कुछ हम पर तुम ने भी सुना होगा

दिल शाहजहाँपुरी

क्यूँ मेरी तरह रातों को रहता है परेशाँ

ऐ चाँद बता किस से तिरी आँख लड़ी है

साहिर लखनवी

इश्क़ में कौन बता सकता है

किस ने किस से सच बोला है

अहमद मुश्ताक़

मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूँ

नज़र मिल गई दिल धड़कने लगा

अकबर इलाहाबादी

आतिश-ए-इश्क़ वो जहन्नम है

जिस में फ़िरदौस के नज़ारे हैं

जिगर मुरादाबादी

ओस से प्यास कहाँ बुझती है

मूसला-धार बरस मेरी जान

राजेन्द्र मनचंदा बानी

वही कारवाँ वही रास्ते वही ज़िंदगी वही मरहले

मगर अपने अपने मक़ाम पर कभी तुम नहीं कभी हम नहीं

शकील बदायूनी

तुझ को पा कर भी न कम हो सकी बे-ताबी-ए-दिल

इतना आसान तिरे इश्क़ का ग़म था ही नहीं

फ़िराक़ गोरखपुरी

हम जानते तो इश्क़ न करते किसू के साथ

ले जाते दिल को ख़ाक में इस आरज़ू के साथ

मीर तक़ी मीर

इक खिलौना टूट जाएगा नया मिल जाएगा

मैं नहीं तो कोई तुझ को दूसरा मिल जाएगा

अदीम हाशमी

मोहब्बत सोज़ भी है साज़ भी है

ख़मोशी भी है ये आवाज़ भी है

अर्श मलसियानी

जज़्बा-ए-इश्क़ सलामत है तो इंशा-अल्लाह

कच्चे धागे से चले आएँगे सरकार बंधे

इंशा अल्लाह ख़ान इंशा

एक कमी थी ताज-महल में

मैं ने तिरी तस्वीर लगा दी

कैफ़ भोपाली

ये क्या है मोहब्बत में तो ऐसा नहीं होता

मैं तुझ से जुदा हो के भी तन्हा नहीं होता

शहरयार

वफ़ा इख़्लास क़ुर्बानी मोहब्बत

अब इन लफ़्ज़ों का पीछा क्यूँ करें हम

जौन एलिया

Related: Broken Heart Shayari in Hindi (Broken shayri)

इब्तिदा वो थी कि जीना था मोहब्बत में मुहाल

इंतिहा ये है कि अब मरना भी मुश्किल हो गया

जिगर मुरादाबादी

 

दिल मोहब्बत से भर गया ‘बेख़ुद’

अब किसी पर फ़िदा नहीं होता

बेख़ुद देहलवी

नाम होंटों पे तिरा आए तो राहत सी मिले

तू तसल्ली है दिलासा है दुआ है क्या है

नक़्श लायलपुरी

जो दिल रखते हैं सीने में वो काफ़िर हो नहीं सकते

मोहब्बत दीन होती है वफ़ा ईमान होती है

आरज़ू लखनवी

इश्क़ के शोले को भड़काओ कि कुछ रात कटे

दिल के अंगारे को दहकाओ कि कुछ रात कटे

मख़दूम मुहिउद्दीन

तलाक़ दे तो रहे हो इताब-ओ-क़हर के साथ

मिरा शबाब भी लौटा दो मेरी महर के साथ

साजिद सजनी लखनवी

कुछ खेल नहीं है इश्क़ करना

ये ज़िंदगी भर का रत-जगा है

अहमद नदीम क़ासमी

मैं उस की दस्तरस में हूँ मगर वो

मुझे मेरी रज़ा से माँगता है

परवीन शाकिर

रोज़ मिलने पे भी लगता था कि जुग बीत गए

इश्क़ में वक़्त का एहसास नहीं रहता है

अहमद मुश्ताक़

जिसे इश्क़ का तीर कारी लगे

उसे ज़िंदगी क्यूँ न भारी लगे

वली मोहम्मद वली

सिलसिले तोड़ गया वो सभी जाते जाते

वर्ना इतने तो मरासिम थे कि आते जाते

अहमद फ़राज़

 

हिज्र को हौसला और वस्ल को फ़ुर्सत दरकार

इक मोहब्बत के लिए एक जवानी कम है

अब्बास ताबिश

मैं चाहता हूँ कि तुम ही मुझे इजाज़त दो

तुम्हारी तरह से कोई गले लगाए मुझे

बशीर बद्र

best shayari on mohabbat ishq love

मेरे ख़्वाबों में भी तू मेरे ख़यालों में भी तू

कौन सी चीज़ तुझे तुझ से जुदा पेश करूँ

साहिर लुधियानवी

तुझ को ख़बर नहीं मगर इक सादा-लौह को

बर्बाद कर दिया तिरे दो दिन के प्यार ने

साहिर लुधियानवी

अल्लाह अगर तौफ़ीक़ न दे इंसान के बस का काम नहीं

फ़ैज़ान-ए-मोहब्बत आम सही इरफ़ान-ए-मोहब्बत आम नहीं

जिगर मुरादाबादी

रोने लगता हूँ मोहब्बत में तो कहता है कोई

क्या तिरे अश्कों से ये जंगल हरा हो जाएगा

अहमद मुश्ताक़

हाए रे मजबूरियाँ महरूमियाँ नाकामियाँ

इश्क़ आख़िर इश्क़ है तुम क्या करो हम क्या करें

जिगर मुरादाबादी

अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में

कि अब तक किस तमन्ना के सहारे जी लिया मैं ने

साहिर लुधियानवी

एक मोहब्बत काफ़ी है

बाक़ी उम्र इज़ाफ़ी है

महबूब ख़िज़ां

बुलबुल के कारोबार पे हैं ख़ंदा-हा-ए-गुल

कहते हैं जिस को इश्क़ ख़लल है दिमाग़ का

मिर्ज़ा ग़ालिब

Related: Bashir Badr Best Shayari with Lyrics Raat Aankhon Mein Dhali

Leave a Comment